Tuesday, August 18, 2009

पीता हूं ग़म भुलाने को


अगर कभी कोई बंदर आपको शराब के नशे में बहका हुआ दिखाई तो उसे ग़लत मत समझिएगा क्योंकि ग़लती उसकी नहीं उसके अंदर मौजूद एक ख़ास तरह के जीन की हो सकती है.

एक शोध में पता चला है कि प्रयोग के दौरान कुछ मैकाक बंदर दूसरों के मुक़ाबले कहीं ज़्यादा शराब पी लेते हैं.

और इसकी वजह बताई गई है उनके अंदर मौजूद सीआरएफ़ जीन जो आमतौर पर ये तय करता है कि कोई व्यक्ति तनाव को किस तरह झेलता है.

ये जीन जब ज़्यादा सक्रिय हो जाता है तो इससे चिंता, अवसाद और शराबखोरी में तेज़ी आ जाती है.

इस पर शोध कर रहे वैज्ञानिकों ने पाया कि कुछ बंदर संभवत: तनाव भगाने के लिए थोड़ी ज़्यादा पी जाते हैं और इसकी वजह है वो जीन.

अमरीकी राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान में काम करनेवाली वैज्ञानिक क्रिस्टीना बार का कहना है: ``इनमें से कुछ तो एक घंटे में चार से पांच पेग डकार जाते हैं...लेकिन इसलिए नहीं कि उन्हें इसका स्वाद अच्छा लगता है.’’

वो कहती हैं: ``इनका व्यवहार मनुष्यों की तरह ही होता है...कुछ सो जाते हैं, कुछ बेहद दोस्ताना हो जाते हैं और कुछ आक्रामक हो जाते हैं.’’
इस जानकारी का इस्तेमाल लोगों को शराब की लत से छुटकारा दिलाने के लिए किया जाएगा.

माना जा रहा है कि इस तरह के जीन मनुष्यों में भी होते हैं लेकिन बहुत कम. वैसे दूसरे भी कुछ जीन हैं जो शराब की लत के लिए ज़िम्मेदार होते हैं.
source www.bbchindi.com

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